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Thu. Nov 7th, 2024

August 30, 2024

वायरल फीवर में कारगर है होम्योपैथी दवाएँ :- डा हेमन्त श्रीवास्तव

महराजगंज। अचानक से होने वाले मौसम के बदलाव की वजह से लोग वायरल फीवर के चपेट में तेज़ी से आ रहे हैं , तेज़ बुख़ार बार-बार ठंड लगना, कंपकंपी या कंपन होना
थकान और कमज़ोरी या थकावट
सिरदर्द ,गले में खराश ,बहती नाक , मांसपेशियों में दर्द ,पसीना आना ,भूख न लगना उल्टी, दस्त जैसी समस्या सामान्य रूप से देखा जा रहा है ,वायरल संक्रमण शरीर के किसी भी हिस्से, आंतों, फेफड़ों, वायुमार्ग आदि में हो सकता है। संक्रमण के परिणामस्वरूप बुखार होगा।वायरल बुखार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है। जब संक्रमित व्यक्ति जम्हाई लेता है, छींकता है, खांसता है या बात भी करता है, तो उसके शरीर से तरल पदार्थ के छोटे-छोटे छींटे निकलते हैं जो आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं यदि आप आस-पास हैं। एक बार जब वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो आपके शरीर में बुखार के साथ एक पूर्ण रूप से भयंकर संक्रमण में बदलने में 16 घंटे से 48 घंटे तक का समय लगता है। वरिष्ठ होम्योपैथ चिकित्सक डा हेमन्त श्रीवास्तव बताते हैं ,होम्योपैथी में सभी बुखारों के इलाज की बहुत अच्छी गुंजाइश है। होम्योपैथी बुखार की समग्रता और बीमारी की तस्वीर को ध्यान में रखती है। यह व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक बनावट को ध्यान में रखती है और प्रत्येक व्यक्ति का अलग-अलग इलाज करती है। आर्सेनिकम एल्बम, इन्फ्लुएंजिनम, बेलाडोना, ब्रायोनिया, जेल्सीमियम, रस टॉक्स, यूपेटोरियम पर्फ आदि जैसी दवाएं वायरल बुखार के साथ-साथ वायरल के बाद की खांसी को भी बिना किसी परेशानी के पूरी तरह से ठीक करने में मदद कर सकती हैं। साथ ही बचाव के लिए बाहर का या सड़क किनारे का खाना न खाएं-पीएं ,अपने आप को हाइड्रेटेड रखें ,तरल पदार्थ पिएं और विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ खाएं,तरल आहार और हल्का आहार लें जिसमें भरपूर मात्रा में फल शामिल हों ,पर्याप्त आराम आवश्यक है।

निर्माणाधीन सचिवालय पर बुलडोजर चलने की सूचना पर ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन

भिटौली, महराजगंज। विकासखंड घुघुली के ग्राम पंचायत बरगदही में प्रशासन द्वारा निर्माणाधीन सचिवालय को तोड़ने की सूचना पर मौके पर ग्रामीण एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने बताया कि पुराना सचिवालय पूरी तरह से जर्जर हो चुका था। अप्रैल माह में पुराना पंचायत भवन तोड़कर नया पंचायत भवन का प्रस्ताव पास कराया गया था। पंचायत भवन के बगल में ही बहुत पहले से होलिका दहन किया जाता रहा है। कुछ ग्रामीणों की मांग पर सचिवालय एवं होलिका दहन के स्थान को अप्रैल माह में ही पैमाइश कराकर चिन्हित कर दिया गया था। चिन्हित जगह पर ही सचिवालय का निर्माण किया जा रहा था। सचिवालय पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है। केवल छत लगाना बाकी है। ऐसे में प्रशासन द्वारा अचानक सचिवालय को तोड़कर गिराने की सूचना पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए एवं मौके पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। आला अधिकारियों की सूचना पर हल्का लेखपाल, सेक्रेटरी तथा पुलिस फोर्स मौजूद रही। अचानक प्रशासन ने निर्माणाधीन सचिवालय को तोड़े जाने का निर्णय वापस ले लिया । प्रदर्शनकारियों में अदालत हुसैन, मोहम्मद नौशाद, समसुल वरा, मुंशी राज , रियाज आलम , प्रमोद गौतम, विश्वनाथ गौतम रामबचन, तथा मनोज सहित सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे। बरगदही में अचानक निर्माणाधीन सचिवालय को तोड़े जाने की सूचना पर ग्राम प्रधान इरफान खान की तबीयत खराब हो गई । उन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। प्रधान प्रतिनिधि इमरान खान ने बताया कि अचानक निर्माणाधीन सचिवालय को तोड़े जाने की सूचना पर ग्राम प्रधान इरफान खान की तबीयत खराब हो गई। उन्होंने बताया कि बिना भुगतान के निर्माणाधीन सचिवालय को तोड़े जाने की सूचना मिली। सचिवालय के निर्माण में अब तक लगभग 10 लाख से ऊपर की लागत लग चुका है। ऐसे में बिना भुगतान के सचिवालय को तोड़े जाने की सूचना पर ग्राम प्रधान की तबीयत खराब हो गई।