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September 2024

वर्तमान परिवेश में पितृपक्ष माह का महत्व युवा पीढ़ी का योगदान


युवा पीढ़ी को भी अपने कर्तव्य का बोध, अपने कर्तव्य दायित्व का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण =(समाजसेवी दीप्तिमान)


सुनील मणि त्रिपाठी गोरखपुर सदर तहसील प्रभारी की रिपोर्ट ।अनादी सनातन काल से भारतीय परंपरा में पितृपक्ष माह पौराणिक आध्यात्मिक और प्राकृतिक महत्व है। वस्तुत प्रत्येक जीवधारी अपने पूर्वज की संतति होता है, ऐसा विज्ञान और अध्यात दोनों का मानना है। अपने कुल की परंपरा का निर्वहन करना सभी धर्म में एक साक्ष्य प्राकट्य है।भारतीय परंपरा अपने पूर्वज को नमन करने का एक उत्साहित अवसर पितृपक्ष में परिलक्षित होता है। हम कौन हैं ,हम कहां से हैं, हम कहां हैं, इसकी खोज बिंदु भी पितृपक्ष माह में अनादि काल से हैं। गया में पिंड को परना ,काशी में मोक्ष, हरिद्वार में पितृ की पूजा आदि सनातन काल की संस्कृति के वैभव को प्रकट करती है। जिस प्रकार हम सुख के उत्सव में अपने पितृ को याद करते हैं, यह दर्शाता है कि भारतीय परंपरा अपने गौरवशाली पूर्वज परंपरा का अनादि काल से नमन करते आ रही है। पितृपक्ष में वर्तमान युवा पीढ़ी को यह एक शाब्दिक संदेश जाता है कि आपके पूर्वजों ने आपके पितामह ने किस प्रकार से मरुभूमि में वृक्ष का रोपण किया,जिसकी छाया में आज आप पुष्पित और पल्लवित है।इस संसार में प्रत्येक प्राणी को ऊर्जा पुंज के रूप में अपने जीवन काल की ऊर्जा को समाहित करते हुए दे अपने प्रत्येक भौतिक कार्यों को पूर्ण करते हुए इस संसार से निशस्तवार संसार विलीन होना है,लेकिन उसके किए गए सत्कर्मों को उसकी पीडिया द्वारा याद किए जाने पर हम इस समाज को एक नई दशा और दिशा देते हैं। प्रत्येक परिवार का अपना एक इतिहास होता है, उसे गौरवशाली इतिहास से समाज को भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इस महान पखवाड़े में हम संयम त्याग और तपस्या के माध्यम से अपने आने वाले भविष्य का भी निर्माण करते हैं। यह महान पर्व यह दर्शाता है कि किस प्रकार हमारे पूर्वजों ने कम से कम संसाधनों ने भी विकास को गति दी पितृपक्ष का वैज्ञानिक महत्व यह दर्शाता है,की भूमि पर जल देना उसे अज्ञात बीज को भी रोपण करता है,जो बाद में बरगद और पीपल के समान बट वृक्ष बन जाता है और हमें जीवनदाई ऑक्सीजन को भी देता है।वर्तमान युवा पीढ़ी का यह नैतिक दायित्व है। भारत की सनातन परंपरा हमें सत्य अहिंसा और गौरवशाली देश का भी पाठ पढ़ती है ,यदि हमारे पूर्वज संयुक्त हिंदू परिवार की व्याख्या को परीक्षित करते हुए गौ लोक को वास में है तो हम सबका भी यह कर्तव्य है, अपने कुनबे अपने परिवार को संयुक्त रूप से परिलक्षित करें।यह राम का देश है ,जहां राम ने अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए राजपथ का त्याग किया।यह स्वर्ण कुमार का देश है, जहां स्वर्ण कुमार ने जीवित रहते हुए अपने अपने माता-पिता को कंधों पर जिस प्रकार से तीर्थ यात्रा कराया। यह वास्तव में जीवित माता-पिता को पितृपक्ष के रूप में समान सम्मान देने का एक संदेश देता है।वर्तमान युवा पीढ़ी भौतिकवाद के दबाव में है यह कहना अतिशयोक्ति होगा कि वर्तमान युवा पीढ़ी अपने मां-बाप से विमुख है, ऐसा नहीं है वर्तमान युवा पीढ़ी अपने मां-बाप की सेवा करना चाहती है, परंतु पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव एवं रोजगार की खोज में उसे अपने मां-बाप को छोड़कर भी जाना पड़ता है। हमें ऐसे समाज को विकसित करना होगा जिसमें प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक की सेवा करना महत्त्वपूर्ण है। इस समाज रूपी जीवन में हमारे वृद्ध मां-बाप या किसी के भी मां-बाप भूखे ना रहे बिना आवास भौतिक संसाधनों के बिना ना रहे उन्हें समय से औषधि मिले उन्हें सम्मान मिले उनकी बातों को सुनने वाला कोई हो, वर्तमान भौतिक युग में बदलते हुए परिवेश में पौराणिक पितृपक्ष पर्वसे प्रेरणा लेते हुए एक आधुनिक संकल्प को भी संकल्पित करना होगा।यदि हम जहां पर वास कर रहे हैं, उसके आसपास यदि किसी का बेटा या बेटी परिवारजन किसी का संतति साथ नहीं है, तो समाज का कर्तव्य है उसे जीवित मां-बाप की सेवा करना वास्तव में पितृपक्ष को नमन करने की यह एक ज्योति पुंज के रूप में प्रलक्षित समाज में होगा जो यह संदेश देगा यह वही भारत देश है जहां कोई व्यक्ति भी यदि उसका कोई पाल्य नहीं है तो हम सब उसके पालय के समान है । पितर पक्ष को हमें रोज संकल्पित करना होगा प्रत्येक दिवस अपने मां-बाप अपने अपने वरिष्ठों को सेवा करते हुए संपूर्ण विश्व को यह संदेश देना है कि भारतवर्ष का प्रत्येक बेटा अनादि काल से सर्वप्रथम अपने मां-बाप के प्रति समर्पित एवं उनकी सेवा के लिए कटिबंध है। उसके बाद वह जीवन के अन्य सभी अपने कर्तव्यों को पूर्ण कर्तव्य है वह उसका परिवार हो जाए वह समाज की सेवा हो चाहे देश के लिए अपने सर्वोच्च बलिदान देना हो या इस समाज को गतिशीलता प्रदान करना हो आदिकाल से से भारत सोने की चिड़िया रहा है।वर्तमान युवा पीढ़ी को अपने कर्तव्यों का बोध करते हुए निश्चित रूप से इस समाज को एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत करना चाहिए की संपूर्ण विश्व आज भारत को विश्व गुरु की ओर देख रहा है और वह भी देखें कि भारत में कोई वृद्ध विद्या आश्रम में नहीं रहता।यदि वृद्ध आश्रम है ,तो वह परिवार के रूप में है ना कि किसी को अस्पताल या जेल के रूप में है। निश्चित रूप से बहुत से वृद्ध जनों के अपने नहीं होते हैं, आधुनिक परिपेक्ष में पितर पक्ष का महत्व हमें सिखाता है की संपूर्ण भारत का कोई भी वृद्धि नागरिक वरिष्ठ नागरिक भौतिक सुविधाओं से वंचित न रहे यदि हम सब मिलकर प्रत्येक भारतवर्ष के वरिष्ठ नागरिकों को संपूर्ण रूप से आज की मानवी बहुत ही सुविधाओं को उपलब्ध कराने में सक्षम होते हैं तो निश्चित रूप से अपने पितरों को जल अर्पण तिल अर्पण भोज अर्पण की यह सबसे अच्छी विधि होगी इससे हमारे आदिकल के पितृ हमें आशीर्वाद देंगे और वह पितृ जो वर्तमान समय में हमारे साथ जीवित अवस्था में उनका हमें भौतिक आशीर्वाद तात्कालिक रूप से प्राप्त होगा यह देश समाज और हम सबके समृद्धि के लिए अति आवश्यक अभिकरण साबित होगा पितर पक्ष की सार्थकता वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ भी है हमें अपने पशु पक्षियों को नित्य शुद्ध उनके भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए कोई भी पशु-पक्षी जल के बिना अभी किंचित ना रह सके निश्चित रूप से वर्तमान युवा अपने कर्तव्यों के प्रति अपने सनातन धर्म की रक्षा के प्रति शिक्षित होने के साथ-साथ समर्पित है हम सब यह संकल्प लेना है ।भारतवर्ष का कोई भी वरिष्ठ नागरिक बिना किसी सुविधाओं के ना रहे उसे किसी प्रकार की कमी महसूस ना हो वसुदेव कुटुंबकम की भावना अनादि काल से भारत के परंपरा रही है इस परंपरा का निर्माण करते हुए हम सब अपने ज्ञात एवं अज्ञात समस्त पितृ जनों का नमन करते हैं उनसे आशीर्वाद की आशा करते हैं और यह संकल्प लेते हैं कि इस देश की सुख समृद्धि में वरिष्टों के आशीर्वाद के साथ पितरों के आशीर्वाद के साथ निश्चित रूप से वर्तमान राष्ट्रवाद के प्रफुल्लित को विकासवाद के साथ संपूर्ण विश्व के लिए भारत का युवा एक आदर्श प्रस्तुत करेगा।

कैम्पियरगंज तहसील प्रभारी अमित कुमार की रिपोर्ट

गोरखपुर जनपद के कैंम्पियरगंज तहसील क्षेत्र के 15 वर्षीय युवक रामचरन पुत्र परीखन का शव सोभईता माधोपुर स्थित कैनाल नाला में बरामद परिजनों ने जताया हत्या की आशंका, सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जाँच व शक के आधार पर 4 से 5 लोगो से कर रही पूछताछ,
बीते दिनों शनिवार को घर से निकला था युवक,
काफी खोजबीन के बाद परिजनों ने दर्ज कराया था गुमशुदगी की रिपोर्ट, घटना कैंपियरगंज थाने के अंतर्गत ग्राम सभा माधोपुर के शोभइता का है।

संचारी रोग नियंत्रण अभियान को लेकर की गई बैठक

RPP NEWS GORAKHPUR संवाददाता सुनील मणि त्रिपाठी गोरखपुर सदर तहसील प्रभारी


गोरखपुर। उरुवा बाजार, टीवी , मलेरिया, दस्तक जैसे बड़े रोगों एवम समस्याओं से निजात दिलाने के लिए और टीकाकरण जैसे अभियान चला कर संचारी रोगों के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य केंद्र उरुवा बाजार के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व ग्राम प्रधान संघ की गई बैठक। चिकत्साधिकारी जे.पी. तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया की गांव को स्वस्थ्य बनाने के उद्देश्य से संचारी रोग नियंत्रण अभियान मासिक बैठक का आयोजन आज किया गया है। जिसके तहत गांव के स्वस्थ्य संबंधित समस्याओं को खत्म किया जा सके। और मुख्य रूप से संचारी रोगों में मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार बीस हजार से अधिक टीवी, मलेरिया , दस्तक , व संक्रामक जैसे रोग आते है। इन बीमारियो और समस्याओ से निजात पाने के लिए आज विधिक चर्चा किया गया है जिसे गांव को स्वस्थ्य बनाया जा सके। वही इस बैठक में शामिल ग्राम प्रधान के द्वारा स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को चिकित्सा अधिकारी के समक्ष रखे गए और गांव को स्वस्थ व सुदृढ़ बनाने के लिए आवश्यक उपकरणों की मांग भी रखी गई। जिसको लेकर चिकत्साधिकारी जे पी तिवारी ने जल्द आवश्यक उपकरणों एवम दवाओ के आपूर्ति का आश्वासन दीया। वही टीवी, मलेरिया,दस्तक जैसे समस्याओं से निजात पाने के लिए ग्राम प्रधान को दिशानिर्देश देते हुऐ। चिकत्साधिकारी ने कहा जल जमाव को रोक कहीं भी गड्ढे, टायर , गमले, कूलर, में अधिक दिनों तक गंदे मानी नही जमने दे। कीटनाशक दवाओ और मच्छर फॉग का इस्तेमाल करे।

स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजनरक्तदान को बनाएं अभियान, रक्तदान करके बचाएं जान – सांसद रवि किशन

RPP NEWS GORAKHPUR संवाददाता सुनील मणि त्रिपाठी गोरखपुर सदर तहसील प्रभारी


गोरखपुर। नागरिक सुरक्षा कोर एवं मधुसूदन दास डिग्री कॉलेज असुरन चौक गोरखपुर के तत्वाधान में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्घाटन सत्य प्रकाश सिंह (उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा कोर ),डॉक्टर संजीव गुलाटी(चीफ वार्डन नागरिक सुरक्षा कोर)द्वारा किया गया।मुख्य अतिथि सांसद रवि किशन ,मेयर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव तथा विशिष्ट अतिथि विजय कुमार श्रीवास्तव उपस्थित रहे। सांसद रवि किशन ने बताया कि आपके द्वारा दी गई रक्त की एक बूंद भी किसी के जीवन में बहुत बड़ा अंतर ला सकती है। खुद रक्तदान कीजिए और दूसरों को प्रोत्साहित कीजिए। इस तरह पूरी दुनिया मानवता का मंदिर बन सकती है। रक्तदान करने से कोई कमजोरी नहीं आती, बल्कि अपने आप में कई बीमारियों का इलाज भी हो जाता है। इस रक्तदान शिविर में नागरिक सुरक्षा कोर के सिविल लाइन प्रखंड, कोतवाली प्रखंड तथा गोरखनाथ प्रखंड के वार्डन मुख्य रूप से रक्तदान किया। मधुसूदन डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डा.प्रदीप कुमार श्रीवास्तव और उनकी पूरी टीम डिग्री कॉलेज के छात्राओं के उत्साह के साथ इस रक्तदान महायज्ञ के यज्ञ में बढ़-चढ़कर भाग लिया।कार्यक्रम का संचालन राजेश चंद्र चौधरी( डिवीजनल वार्डन)) ने किया। रक्तदान शिविर में रतन कुमार श्रीवास्तव( डिप्टी पोस्ट वार्डन), विजय पाठक, डॉक्टर अजीत कुमार श्रीवास्तव, अतुल मित्तल ,आशुतोष द्विवेदी, दीपक कुमार माथुर, अखिलेश कुमार ओझा,ज्ञान प्रकाश तिवारी, नीरज श्रीवास्तव एवं श्री बालाजी चैरिटेबल ब्लड सेंटर, गोरखपुर के प्रबंधक डॉक्टर अमित कुमार श्रीवास्तव उपस्थित रहे।

राप्ती नदी का कहर, बढ़या कोठा बांध पर संकट, हजारों के जीवन पर खतरा

RPP NEWS GORAKHPUR संवाददाता अनिल कुमार कि रिपोर्ट सहजनवां तहसील प्रभारी

गोरखपुर। बढ़या कोठा तुरकौलिया में राप्ती नदी पर बना बाँध तेजी से कटने से ग्रामीण भयभीत है।वहीं लगातार बारिश होने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ने से आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया बाढ़ ड्रेनेज विभाग की लापरवाही के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। तुर्कवलिया गांव के सामने कटान की गति बहुत तेज है।बाढ़ ड्रेनेज विभाग द्वारा मिट्टी की बोरियां भरकर, पेड़ों की डालियां डालकर और बाँस की पेटियां बनाकर बचाव का प्रयास किया जा रहा है।अगर कटान नहीं रुका तो जिले के बड़े भूभाग पर 1998 जैसी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।नदी अभी खतरे के निशान से नीचे है लेकिन कटान की गति चिंताजनक है। मौके पर मौजूद बाढ़ ड्रेनेज विभाग के जे ई त्रिदेव ने बताया कटान को रोक दिया गया है स्थिति अब सामान्य है।

सदी के सदाबहार गायक किशोर कुमार को श्रद्धांजलि द्वारा पूर्वांचल की प्रतिभा को तराशने का प्रयास

RPP NEWS GORAKHPUR संवाददाता सुनील मणि त्रिपाठी गोरखपुर सदर तहसील प्रभारी की रिपोर्ट



सदर तहसील गोरखपुर।
सदी के सदाबहार गायक किशोर कुमार जी को संगीतमय श्रद्धांजलि के तौर पर स्वर परीक्षा में सैकड़ों बच्चो ने भाग लिया।निर्णायक भूमिका में पूर्वांचल के जाने माने तबला वादक पंडित त्रिपुरारी मिश्रा तथा संगीत जगत की दूरदर्शन की बहुत ही गुणी कलाकार सुष्मिता दास के द्वारा हुआ।
शहर के गुणी वादकों में तबरेज, परवेज ,दीपक श्रीवास्तव , किशोर गुप्ता , अशोक दादा, मोइन,सुनील , शेरू,आभास पाठक, लल्लन ,विजय पांडे ,ने सभी गायकों का बखूबी साथ दिया।स्वर परीक्षा में पास बच्चो को आगामी 19 अक्तूबर 2024 को नेपाल लॉज में मुख्य मंच पर गाने का अवसर दिया जाएगा और उन्हें पुरस्कृत भी किया जायेगा।विनोद पाठक म्यूजिकल ग्रुप द्वारा किशोर कुमार के ऊपर हर साल भव्य संगीतमय संध्या का आयोजन करता है।जिसमे शहर के चिकित्सक ,गणमान्य नागरिक और बच्चो को भी अवसर प्रदान किया जाता है।
यह ग्रुप पिछले पच्चीस वर्षों से यह आयोजन करता आ रहा है।
शहर के जाने माने कलाकारों में
साजू ,,देवेश ,देशदीपक, डॉ टी . एम. त्रिपाठी,रीता ,निशा,पूजा दुबे ,संदीप टेकरीवाल , डाक्टर रौशन झा ,डॉक्टर आर. पी. शुक्ला ,डॉक्टर राजेश पांडेय ,डॉक्टर सोहन गुप्ता आदि सभी लोगो ने कार्यक्रम में बढ़ चरकर हिस्सा लिया।
अंत में कार्यक्रम संयोजक विनोद पाठक जी ने सबको धन्यवाद दिया।

राष्ट्र निर्माण में शोध की भूमिका महत्वपूर्ण – प्रो. राजेश सिंह

RPP NEWS GORAKHPUR संवाददाता सुनील मणि त्रिपाठी गोरखपुर की रिपोर्ट


गोरखपुर। विकसित भारत की संकल्पना उत्कृष्ट शोध के बिना साकार नहीं हो सकती है। भारत की आत्मनिर्भरता यहां के शोध कार्यों पर ही निर्भर है। शोध एक संगठित प्रक्रिया है जिसमें कुछ निर्दिष्ट पदों का पालन करना अनिवार्य है। वैज्ञानिक विषयों में अधिकांशतः मौलिक एवं प्रयोगात्मक अनुसंधान होते हैं, जबकि मानविकी विषयों में वर्णनात्मक एवं ऐतिहासिक अनुसंधान होते है। शिक्षाशास्त्र विषय में ज्यादातर अनुसंधान मानव व्यवहार पर होता है जो कि मानव व्यवहार के जटिल होने के कारण अत्यंत सावधानीपूर्वक करना होता है। उपरोक्त बातें प्रो. राजेश सिंह अधिष्ठाता एवं अध्यक्ष शिक्षा शास्त्र विभाग दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर ने दिग्विजय नाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित ‘आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में शैक्षिक अनुसंधान की भूमिका’ विषय पर आयोजित अतिथि व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में कही।विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शोध के प्रत्येक चरण पर प्रकाश डाला। ऐतिहासिक अनुसंधान के अंतर्गत प्राथमिक एवं द्वितीयक स्रोत उनकी आंतरिक एवं वाह्य समालोचना के विषय में जानकारी प्रदान की। इसके साथ ही वर्णनात्मक सर्वेक्षण शोध एवं क्रियात्मक शोध के विषय में विस्तार पूर्वक बताया।शून्य परिकल्पना एवं इसके परीक्षण की विभिन्न विधियां से विद्यार्थियों को अवगत कराया।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. ओम प्रकाश सिंह सर ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत शोध की महत्ता को उल्लेखित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति शोध कार्यों पर बहुत जोर डाल रही है क्योंकि शोध के द्वारा ही नवीन ज्ञान का सृजन होता है जिसका राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है। मानविकी विषयों में शोध की महत्ता को बताते हुए एल्टन मायो के उद्धरण द्वारा प्राचार्य ने कहा कि आज के भौतिकवादी युग में मानवीय संबंधों पर कम बल दिया जा रहा है। आज के विद्यार्थियों को इस दिशा में ध्यान देते हुए मानवीय संबंधों एवं मूल्य पर बल देना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. त्रिभुवन मिश्रा, अतिथि परिचय डॉ. श्याम सिंह, विषय प्रस्ताविकी डॉ. जागृति विश्वकर्मा, अतिथि स्वागत डॉ. सुजीत शर्मा एवं आभार ज्ञापन डॉ. निधि राय द्वारा किया गया। सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत नंदिनी, हिमांशी एवं वैष्णवी द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में स्नातक एवं स्नातकोत्तर शिक्षाशास्त्र के सभी विद्यार्थी एवं महाविद्यालय के सभी शिक्षक उपस्थित रहे।

ट्रेन मैनेजरों के लिए लाइन बॉक्स बहाल

RPP NEWS GORAKHPUR संवाददाता अनिल कुमार कि रिपोर्ट

गोरखपुर। गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के कोषाध्यक्ष मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया है कि परिचालन परियोजना प्रबंधन ने लखनऊ, वाराणसी और इज्जत नगर के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधकों को आदेश जारी किया है कि माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश के आलोक में ट्रेन मैनेजरों के लाइन बाक्स को पुनः प्रतिस्थापित किया जाए ।इस संबंध में मनोज कुमार द्विवेदी ‌ने बताया है कि पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल ट्रेन मैंनजरो के बक्से को रेलवे प्रशासन द्वारा बंद कराने के खिलाफ लडा़ई लड़ता रहा है।उन्होंने बताया कि एन ई रेलवे गार्ड्स एसोशिएशन के संघर्ष में पी आर के एस की भूमिका बहुत ही प्रभावशाली रही है और इसी के चलते उन्होंने हमारे पदाधिकारियों को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित कर के सम्मानित किया था ।
मनोज द्विवेदी ने बताया कि माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कारण बताओ नोटिस के जारी होने के बाद आनन-फानन में रेलवे बोर्ड ने पूरे भारतीय रेलवे पर अपने आदेश को वापस लेने का पत्र जारी कर दिया, लेकिन एन ई रेलवे प्रशासन कान में तेल डालकर कर सोता रहा और जब पी आर के एस ने इस मामले में रेलवे के विधि विभाग का ध्यान आकृष्ट किया तब रेलवे प्रशासन हरकत में आया और पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने भी लाइन बाक्स बंद करने के अपने आदेश के पत्र को वापस ले लिया ।
मनोज कुमार द्विवेदी सहित पी आर के एस के सभी पदाधिकारीयों ने मांग की है पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों मंडलों में लाइन बाक्स तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।

तीन दिन के झमाझम बारिश से नहीं डुबा नगर पंचायत पीपीगंज

पीपीगंज गोरखपुर। नगर पंचायत पीपीगंज में विगत चार दिनों से झमाझम बारिश हुआ मगर निरिक्षण के देखा गया कि पिछले दो वर्षों पूर्व नगर पंचायत पीपीगंज में नगर पंचायत पीपीगंज में थोड़े ही बारिश होने से नगर में पानी लग जाता था मगर वर्तमान चेयरमैन लक्ष्मण विश्वकर्मा ने हर असंभव को संभव करते हुए नगर पंचायत पीपीगंज में नाली से नाला कराते हुए नगर की व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य किए हैं वहीं दूसरी ओर चार दिन से लगातार बारिश से चेयरमैन लक्ष्मण विश्वकर्मा के निर्देश पर चेयरमैन प्रतिनिधि गुड्डू रावत ने सभी वार्डो में सफाई सुपरवाइजर के साथ सफाई कर्मियों को चुस्त-दुरुस्त कर के जल जमाव का मौके पर दुरुस्ती कराया साथ ही पूरे नगर पंचायत पीपीगंज में कहीं भी जल जमाव का स्थिति नहीं उत्पन्न हुआ। वहीं चेयरमैन पीपीगंज लक्ष्मण विश्वकर्मा ने बताया कि नगर पंचायत पीपीगंज को विकसित करने में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी एंव कैम्पियरगंज विधायक पूर्व कैबिनेट मंत्री फतेह बहादुर सिंह का सराहनीय प्रयास है जिसके क्रम में नगर पंचायत पीपीगंज का विकास कार्य जारी है।

गोरखपुर में गरबा महोत्सव का आयोजन

RPP NEWS GORAKHPUR संवाददाता सुनील मणि त्रिपाठी गोरखपुर सदर तहसील प्रभारी


गोरखपुर। गरबा गुजरात का एक प्रसिद्ध लोक नृत्य है। यह हिंदू त्योहार नवरात्रि के दिन बड़ी श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है।यह विभिन्न मातृ देवियों के प्रति समर्पण को दर्शाने वाला त्यौहार है।गरबा को सौभाग्य का भी प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि गरबा महोत्सव में जब हम ताली बजाते हैं,तो तालियों की गूंज उठा से मां भवानी प्रसन्न होती हैं। गरबा नृत्य गुजरात से होकर उत्तर प्रदेश में काफी लोकप्रिय हो गया। यह बाते मुख्य अतिथि मनोज मिहिर (भोजपुरी गायक,अभिनेता)ने बताई। गरबा महोत्सव का आयोजन सनराइज टॉवर ,ऑपोजिट जेमिनी पैराडाइस, मेडिकल कॉलेज रोड गोरखपुर मे किया गया।। मुख्य अतिथि मनोज मिहिर (भोजपुरी गायक एवं अभिनेता) ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यूनीसेक्स सैलून की डायरेक्टर श्रीमती संध्या ने बताया कि अपनी पुरानी परंपरा और विरासत को संजो कर रखने का हम प्रयास कर रहे है, इससे हमारे बहनों को मनोरंजन भी हो जाता है और अपनी विरासत की रक्षा भी हो रही है। इस अवसर पर बॉटम अप की डायरेक्टर श्रीमती ज्योति पनवार , डा.अदिति अग्रवाल, श्रीमती संध्या आदि बहने उपस्थित थी। कार्यक्रम में महिलाओं के मनोरंजन के लिए बहुत से गेम का आयोजन किया गया।अंत में गरबा क्वीन,बेस्ट ड्रेस एवं मेकअप अवार्ड मनोज मिहिर द्वारा दिया गया।