कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान कई प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा निकलती है, जिसका प्रभाव संपूर्ण ब्रह्मांड पर पड़ता है, इसलिए इस साल होली पर चंद्र ग्रहण का लगना शुभ नहीं माना जा रहा है। ऐसे में चलिए जानते हैं 25 मार्च यानी आज होली वाले दिन चंद्र ग्रहण कब लगेगा और रंगों के त्योहार पर इसका क्या प्रभाव होगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान
- गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान सुई, चाकू, कैंची जैसी नुकीली वस्तुओं से दूर रहना चाहिए।
- चंद्र ग्रहण के सूतक काल से लेकर ग्रहण के समापन तक गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव पल रहे बच्चे पर पड़ता है।
- साथ ही गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण भी नहीं देखना चाहिए। इससे उनकी और गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका रहती है।
- चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को हनुमान चालीसा या दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से सभी संकट और नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं।
- साथ ही इस समय अपने इष्टदेव का स्मरण करना भी शुभ होता है। वहीं चंद्र ग्रहण के समापन के बाद स्नान करें और फिर साफ वस्त्र पहनें।
चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय
होली के दिन लगने वाला साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका प्रभाव भी यहां पर नहीं होगा। लेकिन ज्योतिष में चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है इसलिए इससे बचने के लिए कुछ उपाय भी जरूर करने चाहिए।
- चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए ग्रहण के दौरान गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए। कहा जाता है कि इस दौरान गुरु ग्रह के बीज मंत्र ‘ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’ का जाप फलदायी होता है।
- इसके अलावा चंद्र ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप किया जा सकता है।
चंद्र ग्रहण पर मंदिर के द्वार क्यों होते हैं बंद?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण से कुछ विशेष नियम जुड़े हुए हैं। इन मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय पूजा-पाठ करना, भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करना वर्जित माना जाता है। इसीलिए इस दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। वहीं घर में मौजूद पूजा स्थल पर परदे लगा दिए जाते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के दौर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है और दैवीय शक्तियां क्षीण होने लगती हैं। इसीलिए इस दौरान मानसिक जाप करना उचित होता है। जिससे आप मानसिक रूप से सशक्त रह सकें।