महाराजगंज। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति संगठनों का संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक 1 अगस्त को एससी, एसटी आरक्षण में बंटवारे का आदेश निरस्त करने व पूर्ववत व्यवस्था बनाए रखने हेतु महामहिम राष्ट्रपति महोदया एवं माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। दिए ज्ञापन में संवैधानिक व्यवस्था में प्रतिस्थापित कानून में संशोधन का अधिकार राज्यों में निहित नहीं है। 1 अगस्त को दविंदर सिंह पंजाब राज्य में पारित अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति की सूची में राज्य सरकारों को अप वर्गीकरण करने व क्रीमीलेयर लागू करने का अधिकार प्रदान किया गया है यदि क्रीमी लेयर की श्रेणी में कोई व्यक्ति आ गया है तो उसका चयन नहीं होगा यदि क्रीमीलेयर नहीं है तथा कृषि न्यूनतम रहता नहीं रखता है 3 वर्ष के पश्चात उक्त पद को अनारक्षित करके धीरे-धीरे आरक्षण समाप्त करने के परिलक्षित हो जाएगी। आज भी दलितों आदिवासियों के साथ उत्पीड़न दुर्व्यवहार, बलात्कार और हत्याओं की घटनाएं आए दिन हो रही हैं अपराधियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाती है लगभग 90% मामलों में विभाजित कर दिया जाता है आज भी जो लोग थोड़ा पद और स्थान पर हैं अथवा वंचित हैं सबके साथ जातिगत भेदभाव विद्यमान है जो कि ऐसा ही अनुसूचित जाति के साथ होता है अतः महामहिम राष्ट्रपति महोदय व प्रधानमंत्री माननीय प्रधानमंत्री से ज्यादा अनुरोध करते हैं कि संसद में इस आशय का संशोधन प्रस्ताव पारित किया जाए कि भविष्य में अनुसूचित जाति जनजाति की संविधान प्रदत्त अनुसूची में किसी प्रकार का भाव को वर्गीकरण या क्रीमी लेयर लागू न हो तथा उसे कानून को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल कर दिया जाए कि भविष्य में किसी प्रकार का भ्रम में विवाद की स्थिति उत्पन्न ना हो। इस अवसर पर संरक्षक शिवमंगल गौतम, जिला अध्यक्ष हरिश्चंद्र प्रसाद, सपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्रवण पटेल जिला महासचिव जय हिंद भारती सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।