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कैंपियरगंज में एक ऐसा भी हास्पिटल है,जहां डेड बॉडी का भी होता है इलाज।

मुकेश कुमार की रिपोर्ट।

कैंपियरगंज ब्यूरो गोरखपुर। गोरखपुर जनपद के कैंपियरगंज थाना क्षेत्र के माधोपुर गांव के रहने वाले मृतका सुधा यादव के भाई महेश यादव ने बताया कि उसकी बहन की शादी रघुनाथपुर में हुई थी। बहनोई के अवैध संबंध को लेकर उसकी बहन से विवाद होता रहता था। बहनोई उसकी बहन को लेकर कैंपियरगंज स्थित एक अल्ट्रासाउंड सेंटर पर गया। लौटते वक्त जंगल में उसके सिर पर लकड़ी से वार कर उसकी हत्या कर दी।और उसके बाद वह कैम्पियरगंज के सांगर हास्पिटल में लेकर गया मृतका के सिर पर जो चोट लगा था उस पर टाका और मरहम पट्टी भी किया गया ।उसके बाद लडकी के मायके वाले हॉस्पिटल पहुंचे तो पता चला कि हत्या किया गया और वह कैम्पियरगंज थाने पहुच कर हत्या की तहरीर दिये और पुलिस ने मृतका के पति को गिरफ्तार किया और उससे पुछ ताछ करने के बाद हत्या का मांमला पता चला। और पुलिस घटना स्थल पर पहुंची तो घटना स्थल फरेंदा पता चला उसके बाद फरेंदा पुलिस पहुची।
फरेंदा पुलिस ने जंगल में पहुंचकर घटनास्थल से रक्तरंजित लकड़ी और अन्य नमूने एकत्र कर लिए हैं।गोरखपुर कैंपियरगंज थाना क्षेत्र के माधोपुर गांव के रहने वाले मृतका सुधा यादव के भाई महेश यादव ने बताया कि उसकी बहन की शादी वर्ष 2009 में पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर में हुई थी। बहनोई के अवैध संबंध को लेकर उसकी बहन से अक्सर विवाद होता रहता था। शनिवार को बहनोई उसकी बहन को लेकर कैंपियरगंज स्थित एक अल्ट्रासाउंड सेंटर पर गए थे। लौटते वक्त फरेंदा थाना क्षेत्र के जंगल में उसके सिर पर लकड़ी से वार कर उसकी हत्या कर दी। मारने के बाद मृतका बॉडी को सागर हॉस्पिटल लाया जहा पर मृतका के सर में टाके लगे और इलाज हुआ ।
मृतका के भाई ने सागर हॉस्पिटल के संचालक पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब मेरी बहन की मौत सागर हॉस्पिटल में पहुंचने से पहले मौत हो गई थी तो इलाज क्या डेड बॉडी का किया गया ।
और जब पुलिस टीम द्वारा सागर हॉस्पिटल में सीसीटीवी फुटेज देखने को कहा गया तो अनानाकानी करने लगा और बाद में सीसीटीवी फुटेज डिलीट कर दिया गया ।
अगर इसी तरह सागर हॉस्पिटल में मरे हुए लोगो का इलाज होता रहा तो आज इसका शिकार मेरी बहन हुई है भविष्य में इसका शिकार कोई और भी कोई सकता है । सागर हॉस्पिटल के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए जिससे भविष्य में ऐसा कृत्य कोई और हॉस्पिटल संचालक न कर पाए।

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