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मकान को अवैध तरीके से मस्जिद बनाने का आरोप, ग्रामीणों ने किया मुख्यमंत्री से शिकायत

महराजगंज। श्यामदेउरवां थाना क्षेत्र के ग्राम सभा सोहवल पोस्ट पिपरपाती जनपद महराजगंज के ग्रामीणों ने गांव के बीचो-बीच में अवैध तरीके से मस्जिद का निर्माण करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत किया है. तथा एसडीएम को पत्र लिखकर उचित कार्यवाही की मांग की है। ग्रामीणों ने अपनी शिकायती पत्र में लिखा है कि गांव के बीचो-बीच में एक समुदाय द्वारा नया घर बनाने के आड़ में अवैध तरीके से मस्जिद का निर्माण किया जा रहा है। इसको लेकर ग्राम सभा के सैकड़ो लोगों ने हस्ताक्षर कर मुख्यमंत्री और सदर एसडीएम से कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है। कुछ ग्रामीणों से पूछे जाने पर बताया गया है कि पहले उस स्थान पर मस्जिद नहीं था. वहाँ पर एक नया घर बनाया गया. उसके बाद से उस मकान को मस्जिद का रूप दिया जा रहा है. आवासीय मकान को मस्जिद में तब्दील करने और उसमें नवाज अदा करने पर अगल बगल के अलग समुदाय के लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इसको लेकर दो पक्षों में विवाद की समस्या बनी है। इस संबंध में इंस्पेक्टर श्यामदेउरवां से पूछे जाने पर बताया कि ऐसी कोई जानकारी हमारे संज्ञान में नहीं है. अगर होता है तो जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।
मस्जिद निर्माण के लिए हैं ये तीन अनिवार्य शर्त
एक-जिस जगह पर मस्जिद बननी है, उस जमीन को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए.
दो-मस्जिद निर्माण में रुचि दिखाने वाला कोई भी व्यक्ति, संस्था, ट्रस्ट सबसे पहले जमीन वक्फ में दर्ज करा दें. अल्लाह को देने की घोषणा कर दे.
तीन-उस मस्जिद निर्माण को लेकर कमेटी बने. इसी कमेटी का कोई पदाधिकारी ईद, बकरीद या किसी भी सार्वजनिक जलसे में ऐलान करे कि अमुक व्यक्ति, संस्था ने मस्जिद के लिए जमीन दान की है. फिर यही कमेटी चन्दा की अपील करेगी.
धार्मिक निर्माण को लेकर क्या हैंं नियम?
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आशीष पांडे कहते हैं, देश के ज्यादातर राज्यों में इस बारे में एक जैसे नियम है. पब्लिक प्रॉपर्टी में धार्मिक निर्माण कराते हैं तो इसके लिए परमिशन लेनी होगी. अगर प्राइवेट प्रॉपर्टी में भी मंदिर, मस्जिद या दरगाह बनवानी है तो इसके लिए भी ज्यादातर मामलों में डीएम की अनुमति लेनी होगी.डीएम परमिशन देते वक्त कई बातों का ध्यान रखते हैं. जैसे- ऐसा होने से लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की स्थिति तो नहीं बनेगी, शांति तो नहीं भंग होगी और इसे बनाने का मकसद क्या है. ऐसी कई बातों को ध्यान रखकर वो परमिशन देते हैं।
अगर निर्माण के लिए परमिशन नहीं ली गई है तो स्थानीय प्रशासन उसके आधार पर कार्रवाई करेगा।

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