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Sun. Feb 23rd, 2025

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महराजगंज: सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर से नेपाल के होटल में सामूहिक दुष्कर्म,चीख सुन कर कांप उठा मैनेजर, भैरहवा में छह गिरफ्तार

महराजगंज। नेपाल के भैरहवा में स्थित एक होटल में महराजगंज जिले की एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर युवती के साथ रेप का मामला सामने आया है। नेपाल पुलिस ने चार भारतीय और दो नेपाली युवकों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
बताते चलें कि महराजगंज जनपद की युवती भैरहवा के एक होटल में ठहरी थी। वहां चार भारतीय युवक और दो नेपाली युवक मौजूद थे। युवती ने दोनों नेपाली युवकों पर मारपीट और सामुहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया है। विवाद होने पर होटल मैनेजर ने नेपाल पुलिस को फोन कर घटना की सूचना दी। इनमें तीन युवक महराजगंज और एक गोरखपुर का रहने वाला है।
रेप के आरोपियों को सात दिन की रिमांड

पीड़ित की तहरीर पर नेपाल पुलिस ने सभी छह युवकों के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कर लिया है। नेपाल के भैरहवा डीएसपी मनोहर श्रेष्ठ के मुताबिक भारतीय युवती के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किए गए अफरोज (36), शालू खान (27) व अतर रजा (31) महराजगंज जिले के हैं।

बदलू खान गोरखपुर जिले का निवासी है। नेपाल के ओम सतिया गांव पालिका चार निवासी शाहरुख तेली (उम्र 32 वर्ष) और अकबर खान (उम्र 25 वर्ष) को भी गिरफ्तार किया गया है। इन सभी को 7 दिन का पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ की जा रही है।

भ्रष्टाचार की समाप्ति के लिए लोगों का जागरूक होना जरूरी,अपराध निरोधक संगठन की प्रांतीय बैठक जनपद में संपन्न

महराजगंज। भ्रष्टाचार निरोधक संगठन की प्रान्तीय बैठक बुधवार को एक मैरिज हाल में संपन्न हुई। महराजगंज के जिलाध्यक्ष पं. रत्नेश पांडेय ने प्रांतीय बैठक में आए सभी पदाधिकारियों का स्वागत किया। संबोधित करते हुए कहा कि समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण लोगों को सरकारी योजना व अधिकारों का पूरा लाभ नहीं मिल पाता। हमारा दायित्व है कि हम लोगों को इस तरह जागरूक करें कि वह अपने अधिकारों की लड़ाई स्वयं लड़ें। 
बैठक में आए समारोह में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी सिंह, राष्ट्रीय महासचिव नागेन्द्र तिवारी, पूर्वांचल अध्यक्ष जितेंद्र दत्त पांडेय, जनरल सेक्रेटरी पीएस गौरी, राष्ट्रीय  प्रोफेसर आरएन सिंह, उत्तर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष अरुण कुमार गौतम का स्वागत स्थानीय पदाधिकारियों ने बैच लगाकर व बुके देकर किया। राट्रीय अध्यक्ष ने संबोधन में कहा कि हमें लोगों में अधिकार के प्रति जागरूक रहने का भाव जगाना होगा तभी हमारी मुहिम सार्थक होगी और लोग लाभान्वित होंगे। बैजनाथ यादव, अशफाक खान, महेंद्र दुबे, टीबी सिंह, बृजैश यादव, नूतन दुबे, दिनेश शुक्ला, मिथिलेश पांडेय, प्रदीप शुक्ला सहित अन्य मौजूद रहे।
महराजगंज से उपस्थित लोग 

ओमप्रकाश पांडेय ज़िला संयोजक 
ब्रजेश गुप्ता ज़िला कोषाध्यक्ष 
बिशाल पांडेय ब्लांक उपाध्यक्ष 
मधुकर उपाध्याय
बैजनाथ यादव  ज़िला अध्यक्ष गोरखपुर

मकान को अवैध तरीके से मस्जिद बनाने का आरोप, ग्रामीणों ने किया मुख्यमंत्री से शिकायत

महराजगंज। श्यामदेउरवां थाना क्षेत्र के ग्राम सभा सोहवल पोस्ट पिपरपाती जनपद महराजगंज के ग्रामीणों ने गांव के बीचो-बीच में अवैध तरीके से मस्जिद का निर्माण करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत किया है. तथा एसडीएम को पत्र लिखकर उचित कार्यवाही की मांग की है। ग्रामीणों ने अपनी शिकायती पत्र में लिखा है कि गांव के बीचो-बीच में एक समुदाय द्वारा नया घर बनाने के आड़ में अवैध तरीके से मस्जिद का निर्माण किया जा रहा है। इसको लेकर ग्राम सभा के सैकड़ो लोगों ने हस्ताक्षर कर मुख्यमंत्री और सदर एसडीएम से कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है। कुछ ग्रामीणों से पूछे जाने पर बताया गया है कि पहले उस स्थान पर मस्जिद नहीं था. वहाँ पर एक नया घर बनाया गया. उसके बाद से उस मकान को मस्जिद का रूप दिया जा रहा है. आवासीय मकान को मस्जिद में तब्दील करने और उसमें नवाज अदा करने पर अगल बगल के अलग समुदाय के लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इसको लेकर दो पक्षों में विवाद की समस्या बनी है। इस संबंध में इंस्पेक्टर श्यामदेउरवां से पूछे जाने पर बताया कि ऐसी कोई जानकारी हमारे संज्ञान में नहीं है. अगर होता है तो जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।
मस्जिद निर्माण के लिए हैं ये तीन अनिवार्य शर्त
एक-जिस जगह पर मस्जिद बननी है, उस जमीन को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए.
दो-मस्जिद निर्माण में रुचि दिखाने वाला कोई भी व्यक्ति, संस्था, ट्रस्ट सबसे पहले जमीन वक्फ में दर्ज करा दें. अल्लाह को देने की घोषणा कर दे.
तीन-उस मस्जिद निर्माण को लेकर कमेटी बने. इसी कमेटी का कोई पदाधिकारी ईद, बकरीद या किसी भी सार्वजनिक जलसे में ऐलान करे कि अमुक व्यक्ति, संस्था ने मस्जिद के लिए जमीन दान की है. फिर यही कमेटी चन्दा की अपील करेगी.
धार्मिक निर्माण को लेकर क्या हैंं नियम?
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आशीष पांडे कहते हैं, देश के ज्यादातर राज्यों में इस बारे में एक जैसे नियम है. पब्लिक प्रॉपर्टी में धार्मिक निर्माण कराते हैं तो इसके लिए परमिशन लेनी होगी. अगर प्राइवेट प्रॉपर्टी में भी मंदिर, मस्जिद या दरगाह बनवानी है तो इसके लिए भी ज्यादातर मामलों में डीएम की अनुमति लेनी होगी.डीएम परमिशन देते वक्त कई बातों का ध्यान रखते हैं. जैसे- ऐसा होने से लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की स्थिति तो नहीं बनेगी, शांति तो नहीं भंग होगी और इसे बनाने का मकसद क्या है. ऐसी कई बातों को ध्यान रखकर वो परमिशन देते हैं।
अगर निर्माण के लिए परमिशन नहीं ली गई है तो स्थानीय प्रशासन उसके आधार पर कार्रवाई करेगा।

सीएम बोले: लव जिहाद, ईव टीजिंग होने पर सिपाही से सीओ तक होंगे जवाबदेह

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि लव जिहाद, ईव टीजिंग और चेन स्नेचिंग की घटना होने पर बीट सिपाही से लेकर डिप्टी एसपी (सीओ) तक की जवाबदेही तय की जाएगी। रविवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कानून-व्यवस्था, त्योहार, विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान चेताया कि शासन स्तर पर रोजाना हर जिले की समीक्षा हो रही है। हर अधिकारी की गतिविधि की भी सीधी निगरानी हो रही है। जन शिकायतों के निस्तारण में देरी और मिथ्या रिपोर्ट लगाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

योगी ने कहा कि बीते वर्षों में प्रदेश में सभी त्योहार शांतिपूर्वक संपन्न हुए हैं। आगे बारावफात, अनंत चतुदर्शी के बाद पितृ पक्ष है। वहीं 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र, विजयादशमी है। यह समय संवेदनशील है, लिहाजा सतर्क एवं सावधान रहना होगा। इस दौरान शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ कड़ाई से पेश आएं। माहौल खराब करने वालों से कठोरता से निपटें। दूसरे संप्रदाय के लोगों को उत्तेजित करने का कुत्सित प्रयास करने वालों पर नजर रखें। पिछले अनुभवों को ध्यान में रखकर सुरक्षा इंतजाम करें। कहीं भी सड़क किनारे बाइक, कार, टैक्सी की पार्किंग न हो। स्ट्रीट वेंडरों का व्यवस्थापन कराएं। अवैध टैक्सी स्टैंडों पर कार्रवाई जारी रहे। इस दौरान शासन स्तर के अधिकारियों के साथ सभी मंडलायुक्त, पुलिस कमिश्नर, डीएम, एसपी और जिलों में फील्ड में तैनात अधिकारी मौजूद रहे।

खेलने की उम्र मे कुरान शुरु करने पर छात्र को सम्मानित किया

महराजगंज। खेलने खाने की उम्र मे कुरान शरीफ की शुरुआत करने मदरसे के छात्र को मौलाना ने सम्मानित किया जिससे घर वालों के खुशी का ठिकाना नही रहा। ग्राम सभा मुजहना बुजुर्ग वार्ड संख्या दो नगर पालिका परिषद महराजगंज के मदरसे मे पढ़ने वाले छात्र मोहम्मद फहद को मौलाना मोहम्मद एजाज हुसैन अमजदी ने वृहस्पतिवार को कुरान शरीफ की शुरुआत करायी। इस अवसर पर मदरसे मे पढ़ने वाले छात्र मोहम्मद फहद को माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। मोहम्मद फहद के पिता मोहम्मद मुख़्तार ने बताया पांच वर्ष की उम्र मे बच्चो का दाखिला किया जाता उसके बाद बच्चे को कायदा, अम्मापारा, अलिफ़ लाम मीम पढ़ने के बाद ही कुरान शरीफ की शुरुआत की जाती है लेकिन मोहम्मद फहद ने कम उम्र मे यह उपलब्धि हासिल कर माता पिता का नाम रोशन किया।

वायरल फीवर में कारगर है होम्योपैथी दवाएँ :- डा हेमन्त श्रीवास्तव

महराजगंज। अचानक से होने वाले मौसम के बदलाव की वजह से लोग वायरल फीवर के चपेट में तेज़ी से आ रहे हैं , तेज़ बुख़ार बार-बार ठंड लगना, कंपकंपी या कंपन होना
थकान और कमज़ोरी या थकावट
सिरदर्द ,गले में खराश ,बहती नाक , मांसपेशियों में दर्द ,पसीना आना ,भूख न लगना उल्टी, दस्त जैसी समस्या सामान्य रूप से देखा जा रहा है ,वायरल संक्रमण शरीर के किसी भी हिस्से, आंतों, फेफड़ों, वायुमार्ग आदि में हो सकता है। संक्रमण के परिणामस्वरूप बुखार होगा।वायरल बुखार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है। जब संक्रमित व्यक्ति जम्हाई लेता है, छींकता है, खांसता है या बात भी करता है, तो उसके शरीर से तरल पदार्थ के छोटे-छोटे छींटे निकलते हैं जो आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं यदि आप आस-पास हैं। एक बार जब वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो आपके शरीर में बुखार के साथ एक पूर्ण रूप से भयंकर संक्रमण में बदलने में 16 घंटे से 48 घंटे तक का समय लगता है। वरिष्ठ होम्योपैथ चिकित्सक डा हेमन्त श्रीवास्तव बताते हैं ,होम्योपैथी में सभी बुखारों के इलाज की बहुत अच्छी गुंजाइश है। होम्योपैथी बुखार की समग्रता और बीमारी की तस्वीर को ध्यान में रखती है। यह व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक बनावट को ध्यान में रखती है और प्रत्येक व्यक्ति का अलग-अलग इलाज करती है। आर्सेनिकम एल्बम, इन्फ्लुएंजिनम, बेलाडोना, ब्रायोनिया, जेल्सीमियम, रस टॉक्स, यूपेटोरियम पर्फ आदि जैसी दवाएं वायरल बुखार के साथ-साथ वायरल के बाद की खांसी को भी बिना किसी परेशानी के पूरी तरह से ठीक करने में मदद कर सकती हैं। साथ ही बचाव के लिए बाहर का या सड़क किनारे का खाना न खाएं-पीएं ,अपने आप को हाइड्रेटेड रखें ,तरल पदार्थ पिएं और विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ खाएं,तरल आहार और हल्का आहार लें जिसमें भरपूर मात्रा में फल शामिल हों ,पर्याप्त आराम आवश्यक है।

मानवीय मूल्यों को खोजती शेर-ओ-शायरी की पुस्तक “हसरतें”

एक इंसान जब दुनिया को ख़ूबसूरत बनाने के ख़्वाब देखता है तो उसके अंदर कई ज़िंदगियाँ और दुनियाएँ जमा हो जाती हैं। इंसान बनने के इस सफ़र में शायरी और दर्दमंदी बहुत काम आती है। अपने आस-पास की छोटी-छोटी चीज़ों से मुतअस्सिर होना, फूलों, पौधों और बच्चों की खिलखिलाहट देख कर ख़ुश होना, किसी को उदास देख कर दु:खी होना, ये सब सिफ़ात अगर किसी इंसान में आ जाती हैं तो वो इंसानियत के आला-तरीन मक़ाम पर फ़ाएज़ होता है।

राकेश सूद ने क्या ख़ूब कहा है

नज़र कमज़ोर हो जाए तो कोई ग़म नहीं

नज़रिया इंसान का मज़बूत होना चाहिए

बिलकुल ये आम बात है कि किसी इंसान की नज़र कमज़ोर हो जाए तो ये कोई बहुत बड़ा दुःख नहीं होगा बल्कि एक छोटा नुक़सान समझा जा सकता है, लेकिन अगर किसी का नज़रिया जो इंसानियत की आधारभूत संरचना से जुड़ा हो तो ये एक बड़ा ख़सारा समझा जाएगा और इस शेर में बड़ी उम्दगी और सच्चाई से सादा अल्फ़ाज़ में वो अपना मुद्दआ बयान कर जाते हैं जो उनकी शेर की समझ की बहुत ख़ूबसूरत नज़ीर है।

जब आदमी किसी मैदान में नया होता है और पहली बार किसी महफ़िल में शामिल होता है और बिल-ख़ुसूस जब वो महफ़िल हुस्न वालों यानी अहल-ए-नज़र की हो तो कितनी शर्म आती है अपनी कम-इल्मी पर कि मैं कुछ भी नहीं जानता और यहाँ तो सब नज़र रखते हैं, तब वो आहिस्ता-आहिस्ता, ज़ीना दर ज़ीना, अल्फ़ाज़ को तोल-तोल कर, झिझकते हुए कलाम करता है लेकिन आख़िरकार उस कैफ़-ओ-सुरूर का लुत्फ़ उठा ही लेता है जिसे हुस्न वालों ने आगही की मय से ताबीर किया है। क्या अंदाज़ है, क्या तर्ज़-ए-बयान है साहब!

आपका शेर —

ज़िंदगी जीने का अलग दस्तूर है मेरा

निभाए सब से रिश्ते यही क़ुसूर है मेरा

ज़फ़ाओं के बदले में वफ़ाऐं की हैं मैंने

ख़ुदग़र्ज़ समझते हैं यही क़ुसूर है मेरा

और आप फरमाते हैं

अपनों से कभी मैं ख़फ़ा नहीं होता

लाख करें दुखी मैं बेवफ़ा नहीं होता

ये भी उसी क़बील का शेर है जो हिंदुस्तानी कल्चर की मिसाल अपने आप में है। यानी हम उन तमाम क़दरों को निभाएँगे जिन्हें हमारे बड़ों ने हम तक मुंतक़िल किया था, कि अपने अगर आपके साथ अच्छा सुलूक न भी करें, मुसलसल आपके जी को चोट पहुँचाएँ, चूंकि वो अपने हैं तो उनसे बेज़ार होने का तो कोई सवाल ही नहीं पैदा होता बल्कि मैं साथ ही रहूँगा और वो भी इस तौर कि उनके दुःखी करने पर यक्साँ बर्ताव भी नहीं करूँगा। उनकी पहली किताब ‘हिदायतें’ के नाम से शाए हुई थी। इस नाम से ही ज़ाहिर होता है कि राकेश सूद आने वाली नस्लों और भारतवासियों के लिए कोई पैग़ाम दे रहे हैं। उनकी इस दूसरी किताब डायमण्ड बुक्स द्वारा प्रकाशित बुक “हसरतें” है।

मैं जब दुनिया और उसके भेदों पर ग़ौर करता हूँ तो समझ में आता है कि जब तक शायरी मौजूद है, नेक-दिल लोग आते रहेंगे, और जब तक नेक-दिल लोग आते रहेंगे तब तक दुनिया की सुंदरता बरक़रार रहेगी। राकेश सूद भी इसी सूची में आते हैं। उनकी शायरी पढ़ जाइये, मोहब्बत और हमदर्दी के अलावा दूसरा कोई संकेत नहीं मिलता। इस मोहब्बत के अनेक रंग उनकी शायरी में फूटते हैं, कहीं देश प्रेम, कहीं सारी दुनिया के इंसान, कहीं महबूब से वस्ल की शदीद इच्छा। ये सारे जज़्बात राकेश सूद को अंदर से बहुत मासूम बनाते हैं और यही उनकी शायरी की ताक़त है।

श्री राकेश सूद की पुस्तक “हसरतें” एक मौलिक, अनूठा व महान प्रयास है। इसका मूल-सार, समस्त- सामग्री  व रूप-सज्जा जन साधारण और जन-मानस के प्रश्नों से जूझ रहा है। हमारे प्यारे मुल्क हिंदुस्तान की मौजूदा सूरत-ए-हाल देख कर शायर का जी कुढ़ता है और वो सामाजिक अफ़रा-तफ़री पर प्रगतिवादी और शायराना चोट करते हैं। ये तो उनकी रचनात्मक हुनरमंदी की बातें हुईं।

डायमण्ड बुक्स के चेयरमैन नरेंद्र कुमार वर्मा का कहना है कीराकेश सूद ‘रश्क’ न केवल एक उम्दा शायर हैं। हम 50 वर्षों से उनकी शायरी के प्यासे हैं। जब किसी महफ़िल में मिलते हैं तो उनसे एक-दो शेर सुनकर दिल खुश हो जाता है। मुशायरों में उनकी वाह वाह सुनाई देती है और शायरी को दोबारा सुनना चाहते हैं। उनकी शायरी का एतराम करते हैं। उम्मीद करता हूँ कि राकेश सूद अपना पैग़ाम देने में कामयाब रहेंगे।

चाहे जितने भी वादे करने हैं कर ले मेरे सनम

चेहरे के तेरे हाव-भाव कुछ और बयाँ करते हैं।

होली के बीच चंद्र ग्रहण शुरू, गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान

कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान कई प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा निकलती है, जिसका प्रभाव संपूर्ण ब्रह्मांड पर पड़ता है, इसलिए इस साल होली पर चंद्र ग्रहण का लगना शुभ नहीं माना जा रहा है। ऐसे में चलिए जानते हैं 25 मार्च यानी आज होली वाले दिन चंद्र ग्रहण कब लगेगा और रंगों के त्योहार पर इसका क्या प्रभाव होगा। 

चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान

  • गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान सुई, चाकू, कैंची जैसी नुकीली वस्तुओं से दूर रहना चाहिए।
  • चंद्र ग्रहण के सूतक काल से लेकर ग्रहण के समापन तक गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव पल रहे बच्चे पर पड़ता है।
  • साथ ही गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण भी नहीं देखना चाहिए। इससे उनकी और गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका रहती है।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को हनुमान चालीसा या दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से सभी संकट और नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं।
  • साथ ही इस समय अपने इष्टदेव का स्मरण करना भी शुभ होता है। वहीं चंद्र ग्रहण के समापन के बाद स्नान करें और फिर साफ वस्त्र पहनें।

चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय

होली के दिन लगने वाला साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका प्रभाव भी यहां पर नहीं होगा। लेकिन ज्योतिष में चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है इसलिए इससे बचने के लिए कुछ उपाय भी जरूर करने चाहिए।   

  • चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए ग्रहण के दौरान गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए। कहा जाता है कि इस दौरान गुरु ग्रह के बीज मंत्र ‘ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’ का जाप फलदायी होता है।
  • इसके अलावा चंद्र ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप किया जा सकता है। 

चंद्र ग्रहण पर मंदिर के द्वार क्यों होते हैं बंद? 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण से कुछ विशेष नियम जुड़े हुए हैं। इन मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय पूजा-पाठ करना, भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करना वर्जित माना जाता है। इसीलिए इस दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। वहीं घर में मौजूद पूजा स्थल पर परदे लगा दिए जाते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के दौर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है और दैवीय शक्तियां क्षीण होने लगती हैं। इसीलिए इस दौरान मानसिक जाप करना उचित होता है। जिससे आप मानसिक रूप से सशक्त रह सकें। 

व्यास तहखाने में जारी रहेगा पूजा-पाठ, हाईकोर्ट का फैसला

वाराणसी। वाराणसी स्थित ज्ञानवापी के व्यास तहखाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आया है कि यहां पूजा-पाठ जारी रहेगा. बता दें कि नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने की मांग को लेकर स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से पंडित सोमनाथ व्यास, डा. रामरंग शर्मा एवं अन्य द्वारा 15 अक्टूबर 1991 को दाखिल मुकदमे की सुनवाई जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने की मांग को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र सोमवार को सुनवाई हुई। 

भावना आहत करने का आरोप लगाते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर वकील हरिशंकर पांडेय की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर अपर जिला जज (नवम) की अदालत सुनवाई हुई. ज्ञानवापी में कब्रों का जिक्र करते हुए उर्स, चादर, गागर समेत अन्य धार्मिक कार्यों की अनुमति देने की मांग को लेकर लोहता के रहने वाले मुख्तार अहमद व अन्य की ओर से दाखिल वाद पर एडीजे सातवां की अदालत में सुनवाई हुई।

ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, कि आज इलाहबाद हाई कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दी है, इसका मतलब है कि जो पूजा चल रही थी वह वैसे ही चलती रहेगी. अगर वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो हम भी सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखेंगे।

आर के इंटरमीडिएट कालेज की छात्रा निशा गुप्ता का इंस्पायर अवार्ड के लिए हुआ चयन

हरपुर तिवारी/महराजगंज। परतावल विकास खण्ड ग्रामीण क्षेत्र में स्थित आर के इंटरमीडिएट कॉलेज लक्ष्मीपुर, हरपुर चौक महाराजगंज की कक्षा 10वी की छात्रा निशा गुप्ता का चयन इंस्पायर अवार्ड के लिए हुआ है। जिसके लिए छात्रा को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार द्वारा दस हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान हो चुकी है साथ ही छात्रा को नवप्रवर्तन के लिए प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया जाएगा। इस उपलब्धि के महाराजगंज के इंस्पायर अवार्ड नोडल अधिकारी सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभा कमी नहीं है जरूरत है सही समय पर सही जवाब निकालने की इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय बाल विज्ञान संचालक रोहित कुमार गुप्ता विद्यालय परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सही विद्या का सही जगह उपयोग करना बहुत जरूरी है इसके अतिरिक्त समय-समय पर बच्चों को शिक्षा के अतिरिक्त अन्य कार्य प्रॉपर्टी जागरूक करना चाहिए । विद्यालय के प्रधानाचार्य इरफानुल्लाह खान महाराजगंज के इंस्पायर अवार्ड के पूरी टीम का आभार प्रकट करते कहा कि बाल विज्ञान को बढ़ावा और नवप्रवर्तन में विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इंस्पायर अवार्ड योजना से बच्चों में वैज्ञानिक चिंतन एवं शिक्षा के क्षेत्र में विकास होता है ऐसी योजनाओं का लाभ सभी विद्यार्थियों को लेना चाहिए ।इस उपलब्धि के लिए विद्यालय के सभी अध्यापकों व छात्रा को बहुत बहुत बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। व विद्यालय वरिष्ठ अध्यापक दीपक कुमार, जितेंद्र गौड़, समसुज्जमा, महबूब अली अध्यापिकाओं में सरोज कन्नौजिया, रेखा सिंह, रजनी कसौधन, खुशनमा खातून व पूरे विद्यालयों परिवार को धन्यवाद देते हुए कहा ऐसे योजनाओं के प्रति सभी बच्चों को जागरूक करने की उचित निर्देश दिए।