रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। इस वर्षगांठ को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है, जो 10 से 12 जनवरी 2024 तक तीन दिवसीय उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
राम मंदिर ट्रस्ट ने कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया है, जो उत्सव के प्रत्येक दिन के आयोजन की योजना बना रही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई थी, जो द्वादशी तिथि पर थी। इस बार द्वादशी तिथि 11 जनवरी को पड़ रही है, इसलिए इसे प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाया जाएगा।
तीन दिवसीय इस उत्सव में धार्मिक अनुष्ठान, भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना होगी। दिन में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ-साथ रात में भी विशेष आयोजन होंगे। इस आयोजन को लेकर तैयारियों की जिम्मेदारी एक चार सदस्यीय टीम को सौंपी गई है, जो उत्सव की रूपरेखा को अंतिम रूप दे रही है।
कुंभ मेले के लिए विशेष व्यवस्थाएं
डॉ. अनिल मिश्र ने यह भी जानकारी दी कि आगामी कुंभ मेले के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचने वाले हैं। काशी, प्रयागराज और अयोध्या का एक खास धार्मिक कॉरिडोर बनेगा, जिससे श्रद्धालु काशी के बाद प्रयागराज और फिर अयोध्या भी जाएंगे। इसके मद्देनज़र, राम मंदिर ट्रस्ट प्रशासन के साथ मिलकर श्रद्धालुओं के लिए सुलभ दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित कर रहा है, ताकि उन्हें रामलला के दर्शन में कोई कठिनाई न हो।
इस प्रकार, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ और कुंभ मेले को लेकर अयोध्या में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, जिससे यह आयोजन ऐतिहासिक और भव्य बनने की उम्मीद है।