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Thu. Feb 6th, 2025

January 9, 2025

कुसमी प्लांट में चिमनी गिरने से 25 से अधिक लोग मलबे में दबे, मौत की आशंका

मुंगेली। मुंगेली जिले के कुसमी प्लांट में एक बड़ा हादसा घटित हुआ है, जब निर्माणाधीन चिमनी गिरने से 25 से ज्यादा लोग मलबे में दब गए हैं। घटना में कुछ मजदूरों की मौत की आशंका जताई जा रही है। यह हादसा उस समय हुआ जब कुसमी प्लांट में लोहे के पाइप बनाने की फैक्ट्री का निर्माण कार्य चल रहा था। चिमनी गिरने से इस जगह पर काम कर रहे मजदूरों पर भारी मलबा गिर गया, जिससे कई मजदूर दब गए और उनकी जिंदगी खतरे में पड़ गई।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया है। आस-पास के जिलों से भी बचाव दलों को भेजा गया है ताकि मलबे में दबे लोगों को जल्द से जल्द निकाला जा सके। बचाव कार्य में जुटे अधिकारियों के मुताबिक, मलबे में दबे हुए मजदूरों में से कुछ की मौत की संभावना जताई जा रही है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, आठ से नौ लोगों की मौत हो सकती है। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

घटना सरगांव थाना क्षेत्र के रामबोड़ इलाके में स्थित कुसमी प्लांट में हुई है। यह क्षेत्र अभी भी मलबे के नीचे दबे लोगों के निकाले जाने की प्रक्रिया में है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और एंबुलेंस के जरिए घायलों को अस्पताल भेजने की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन का प्रयास है कि जितने भी लोग मलबे में फंसे हैं, उन्हें जल्दी से जल्दी सुरक्षित निकाला जा सके।

हादसे के बाद कुसमी प्लांट के आसपास के इलाके में भय का माहौल है। प्रशासन ने इस मामले में उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया है और घटनास्थल पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। राहत कार्यों को तेज किया गया है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला जा सकेगा।

लखनऊ में चीन के एचएमपीवी वायरस ने दी दस्तक, महिला की जांच में पॉजिटिव पाया गया

लखनऊ। चीन के ह्युमन मेटा न्यूमो वायरस (एचएमपीवी) ने अब लखनऊ में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। शहर की एक 60 वर्षीय महिला की जांच के बाद निजी लैब ने उन्हें एचएमपीवी पॉजिटिव पाया। महिला को पहले चरक अस्पताल में भर्ती किया गया था, बाद में रात 11 बजे उन्हें बलरामपुर अस्पताल में एडमिट किया गया। महिला का नमूना आगे की जांच के लिए केजीएमयू भेजा गया है, और उन्हें अस्पताल के वार्ड नंबर 11 में आइसोलेशन में रखा गया है।

स्वास्थ्य विभाग इस वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर सतर्क हो गया है। बुधवार तक देश में कुल 11 मामले सामने आ चुके हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस वायरस से घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि यह आमतौर पर सर्दी के मौसम में फैलता है और इससे जुकाम, बुखार, खांसी और सीने में जकड़न जैसे लक्षण होते हैं। इससे बचाव के लिए ठंड के बावजूद पर्याप्त पानी पीना, मास्क पहनना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूरी बनाना जैसे उपाय अपनाने चाहिए।

एचएमपीवी वायरस का परिचय

एचएमपीवी, न्यूमोविरडी वायरस परिवार का हिस्सा है और यह पिछले 60 वर्षों से वातावरण में मौजूद है, हालांकि इसकी पहचान बाद में हुई। यह वायरस मौसमी बीमारी की श्रेणी में आता है और आमतौर पर इसके लक्षणों का पता नहीं चलता। एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहली पहचान 2001 में नीदरलैंड में बच्चों में हुई थी। इसके बाद, 2003 में भारत में भी इसका पहली बार पता चला था, जब बीजे मेडिकल कॉलेज और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे ने बच्चों में इसके संक्रमण की पुष्टि की थी।

रुद्रौली में बिजली चोरी और बकाएदारों के खिलाफ विजिलेंस की छापेमारी, दो लोग गिरफ्तार

महराजगंज। महराजगंज के रुद्रौली गांव में बुधवार को विजिलेंस और बिजली विभाग की संयुक्त टीम ने एक महत्वपूर्ण छापेमारी की। इस दौरान दो लोगों को बिजली चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया, जिनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की गई और केस दर्ज कर लिया गया। साथ ही, 72 बड़े बकाएदारों का कनेक्शन भी काट दिया गया।

अवर अभियंता मुकेश कुमार ने बताया कि बिजली चोरी पर अंकुश लगाने और बकाएदारों से वसूली के लिए विजिलेंस टीम के साथ रुद्रौली गांव में छापेमारी की गई। जांच के दौरान रोहित चौधरी और खदेरू को बिजली चोरी करते हुए पकड़ा गया, जिनके खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज कर लिया गया। साथ ही, 72 बड़े बकाएदारों के कनेक्शन काट दिए गए। इन उपभोक्ताओं को चेतावनी दी गई है कि वे जल्द ही अपना बकाया बिजली बिल जमा करें, तभी उनका कनेक्शन फिर से जोड़ा जाएगा।

बिजली विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर कोई उपभोक्ता बिना बिल जमा किए बिजली चोरी से कनेक्शन जोड़ेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस छापेमारी के दौरान बिजली विभाग के कई कर्मचारी भी मौके पर मौजूद थे।

खिचड़ी मेला को लेकर नगर पंचायत की तैयारियां तेज, खुले में मीट-मांस की दुकानें पर प्रतिबंध

महराजगंज। चौक बाजार में होने वाले खिचड़ी मेला को लेकर स्थानीय नगर पंचायत की ओर से तैयारियां जोरों पर हैं। यह मेला इस क्षेत्र का प्रमुख आयोजन माना जाता है, और इसे सफल बनाने के लिए नगर पंचायत प्रशासन ने कई व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने का काम शुरू कर दिया है।

नगर पंचायत अधिकारी ओमप्रकाश यादव ने मेला की व्यवस्थाओं को लेकर एक अहम सूचना दी। उन्होंने बताया कि मेला के आयोजन के दौरान नगर पंचायत क्षेत्र के भीतर किसी भी स्थान पर खुले में मीट, मांस, मछली आदि की दुकानें नहीं लगने दी जाएंगी। इस कदम का उद्देश्य मेले के दौरान स्वच्छता बनाए रखना और नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाना है। प्रशासन का मानना है कि खुले में मांस, मछली या अन्य खाद्य सामग्री की बिक्री से न केवल गंदगी फैलती है, बल्कि स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।

ओमप्रकाश यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी दुकानदारों को नाली और सड़क पर अपनी दुकानों का संचालन नहीं करने दिया जाएगा। नगर पंचायत द्वारा यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण न हो और यातायात में कोई अवरोध उत्पन्न न हो। प्रशासन ने सभी दुकानदारों से अपील की है कि वे निर्धारित स्थानों पर ही अपनी दुकानें लगाएं और किसी भी तरह का अव्यवस्थित अतिक्रमण न करें।

अगर किसी भी स्थान पर अतिक्रमण पाया जाता है, तो प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दुकानदारों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे निर्धारित नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ जुर्माना लगाया जा सकता है और उनकी दुकानों को हटाया जा सकता है।

इस प्रकार की कठोर निगरानी और नियमों के पालन से प्रशासन खिचड़ी मेला के दौरान क्षेत्र में व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहा है, ताकि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों को कोई समस्या न हो।